नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार के द्वारा आयोजित की जा रही गंगा यात्रा ।
27 जनवरी से 31 जनवरी के बीच मे पांच दिवसीय गंगा यात्रा दोनो छोरो आए प्रवेश हो रही है।
पहली यात्रा गंगा जहाँ से यूपी में प्रवेश करती है प्रारम्भ -योगी
दूसरी यात्रा जहाँ से गंगा मइया बिहार में प्रवेश करती है वहाँ से होगी।
भारत का हर नागरिक गया गंगा को अपनी परंपरा का हिस्सा मानता रहा है।
2014 में प्रधानमंत्री ने स्पष्टता के साथ कहा था ।
जब वाराणसी में चुनाव लड़ने आये थे।
तब मोदी जी ने कहा था मुझे तो माँ गंगा ने बुलाया है।
पांच राज्यो में 2525 किमी की यात्रा माँ गंगा तय करती है।
सबसे ज्यादा यात्रा यूपी में माँ गंगा तय करती है।
हम सब आभारी है प्रधानमंत्री जी के जिनके प्रयास से माँ गंगा निर्मल हुई है।
कुम्भ में 25 करोड़ श्रद्धालुओ ने गंगा के स्वच्छता निर्मलता की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री मोदी व नमामि गंगे की सफलता के कारण गंगा को निर्मल बनाया गया।
कुछ विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को हमे इस कार्यक्रम में बुलाना चाहिए।
मुझे एक बार एक विदेशी अतिथि आये थे तो उन्होंने गंगा की स्थित देखकर तीखी टिप्पणी की थी।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री के साथ 400 अप्रवासी भारतीयों ने कुम्भ में स्नान किया ।
वापस जाकर मुझे थैक्स भी बोला ।
जब वापस गए तो फिर से वह मॉरीशस के प्रधानमंत्री बने ऐसी है माँ गंगा।
पहले लोग कहते थे गया गंगा बहुत प्रदूषित है।
लेकिन विगत वर्ष से ऐसी कोई शिकायत नही मिली।
कानपुर के सिफामऊ नाले में 1600 करोड़ लीटर दूषित पानी गिरता था।
यह 128 सालो से चला आ रहा था।
जिनके कारण जल जीव नष्ट हो गए थे।
आज बताते हुए प्रशान्तता है कि आज हमने उसको नियंत्रित किया है।
समाजिक धार्मिंक संगठनों आम जन का वही दायित्य बनता है।
गंगा को पवित्र बनाये रखे गए गंगा व उसका सहायक क्षेत्र उर्वरक बना हुआ है।
इस क्षेत्र में आज बहुत बड़ी जनसंख्या जीवन यापन करती है।
दोनो यात्राओं का कानपुर में एक साथ समागम होगा।
कानपुर में गंगा की के किनारे 31 हजार ग्राम पंचायतें है।
हमने सुनिश्चित किया है कि गंगा के किनारे आर्गेनिक तरीके से खेती की जाएगी।
गंगा के तटवर्ती क्षेत्रो मव कही पर गंगा मैदान कही पर गंगा पार्क का निर्माण करेगे।
गंगा नदी से सभ्यता विकसित हुई ही है ।
गंगा हमारी संस्कृति है उसने हमको पहचान दीहै।
27 से 31 जनवरी के बीच मे गया गंगा यात्रा से लोगो को जागरूक करेगे।